Diwali, एक अनोखा और अत्यधिक शुभ समय होता है जो केवल दिवाली पर होता है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ समय के दौरान देवी लक्ष्मी स्वयं अवतरित होती हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान उचित पूजा करने से देवी प्रसन्न होती हैं, जिससे पूरे वर्ष वित्तीय समृद्धि बनी रहती है।
हिंदू धर्म में Diwali का त्योहार बहुत महत्व रखता है। यह वह समय है जब हर घर में दीपक जलाए जाते हैं और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की सावधानीपूर्वक पूजा की जाती है। इस वर्ष, अमावस्या, या अमावस्या का दिन, 12 नवंबर को पड़ रहा है, जो दोपहर 2:44 बजे शुरू होगा और 13 नवंबर, 2023 को दोपहर 2:56 बजे समाप्त होगा।
यह ध्यान देने योग्य है कि इस दिन, वर्ष के दौरान केवल एक विशिष्ट क्षण होता है जब देवी लक्ष्मी अपने दिव्य आसन पर आरोहित होती हैं। हिंदू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार, जिस क्षण सिंह राशि (सिंह लग्न) शुरू होती है, उस समय देवी लक्ष्मी विराजमान मानी जाती हैं। इस वर्ष सिंह राशि 12 नवंबर की रात्रि 12:14 बजे प्रारंभ होकर 2:27 बजे तक रहेगी। इस दौरान विशेष आशीर्वाद और समृद्धि प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
पूजा कैसे करें: Diwali
- अपने घर को साफ करें और सजाएं: दिवाली पर अपने घर को अच्छी तरह से साफ करें और रोशनी की व्यवस्था करें। अपने घर को सजाने के लिए रंगोली बनाएं, मिट्टी के दीपक और मोमबत्तियां जलाएं।
- एक कलश तैयार करें: एक चांदी या तांबे के कलश में 75% मात्रा में पानी भरें। कलश में पान के पत्ते, एक गेंदे का फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने डालें। कलश के सामने आम के पांच पत्ते रखें।
- देवताओं की व्यवस्था: कलश को बैठक या पूजा कक्ष में एक साफ कपड़े या छोटी मेज पर रखें। कलश के दाहिनी ओर (दक्षिण-पश्चिम) भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर रखें और बीच में देवी लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- तैयारी और प्रसाद: देवताओं को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण) और साफ पानी से स्नान कराएं। इन्हें साफ तौलिये से पोंछकर सुखा लें। भगवान को कुमकुम और हल्दी लगाएं। माला चढ़ाएं और अगरबत्ती और धूप जलाएं।
- फल और प्रसाद रखें: देवताओं को नारियल, सुपारी, पान के पत्ते, फल और प्रसाद (मिठाई) चढ़ाएं। कुछ सिक्कों के साथ एक छोटा कटोरा रखें।
- वित्तीय और व्यावसायिक वस्तुओं की स्थापना करें: देवताओं के सामने अपना खाता बही और वित्त और व्यवसाय से संबंधित वस्तुओं को रखें।
- दीपक और दीये जलाएं: देवताओं के सामने मिट्टी के दीपक और दीये जलाएं। यह पूजा क्षेत्र को रोशन करता है और किसी के जीवन से अंधकार को दूर करने का प्रतीक है।
- लक्ष्मी आरती और जप: दोनों देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लक्ष्मी स्तोत्र और गणपति स्तोत्र का पाठ करें। देवी-देवताओं के सामने कपूर की लौ को गोलाकार घुमाते हुए आरती करें।
- प्रार्थना और मंत्र: धन और समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर से हार्दिक प्रार्थना करें।
- पूजा का समापन: पूजा के बाद, देवताओं के पैर छूने और उनका आशीर्वाद लेने की प्रथा है। अपने परिवार के सदस्यों और प्रियजनों के बीच प्रसाद बांटें।
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माना जाता है कि इस विशिष्ट शुभ समय के दौरान लक्ष्मी पूजा करना आपके घर और जीवन में धन और समृद्धि को आमंत्रित करता है। यह सुनिश्चित करने की एक समय-सम्मानित परंपरा है कि देवी लक्ष्मी हिंदू संस्कृति में सबसे प्रसिद्ध और पोषित त्योहारों में से एक, दिवाली पर अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं।