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2024 में Sankashti Chaturthi व्रत की तिथियाँ और महत्व

संकष्टी चतुर्थी का महत्व: Sankashti Chaturthi
संकष्टी चतुर्थी को हिन्दू पंचांग में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के रूप में चिह्नित किया जाता है, और इसे भगवान गणेश की पूजा के लिए विशेष महत्व दिया जाता है। यह व्रत गणपति बाप्पा के आशीर्वाद को प्राप्त करने, विघ्नों से मुक्ति पाने, और सुख-शांति के लिए किया जाता है।

2024 में संकष्टी चतुर्थी व्रत की तिथियाँ: Sankashti Chaturthi

  1. 29 जनवरी 2024 (सोमवार): इस दिन संकष्टी चतुर्थी व्रत का आयोजन होगा। यह दिन सोमवार को पड़ रहा है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
  2. 30 जनवरी 2024 (मंगलवार): संकष्टी चतुर्थी का व्रत इस दिन भी किया जा सकता है। यह मंगलवार को हो रहा है, जो माँ दुर्गा को समर्पित है।
  3. 28 फरवरी 2024 (बुधवार): इस दिन भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा सकता है। यह बुधवार को हो रहा है, जिसे मुख्य रूप से बुद्ध देवता को समर्पित किया जाता है।
  4. 29 मार्च 2024 (शुक्रवार): इस दिन भी संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जा सकता है, जो शुक्रवार को हो रहा है, और इसे लक्ष्मी माता को समर्पित किया जाता है।
  5. संकष्टी चतुर्थी अप्रैल 2024 में 28 अप्रैल दिन रविवार को
  6. संकष्टी चतुर्थी मई 2024 में 27 मई दिन सोमवार को
  7. संकष्टी चतुर्थी जून 2024 मे 25 जून दिन मंगलवार को
  8. संकष्टी चतुर्थी जुलाई 2024 में 24 जुलाई दिन बुधवार क
  9. संकष्टी चतुर्थी अगस्त 2024 में 23 अगस्त दिन शुक्रवार को
  10. संकष्टी चतुर्थी सितम्बर 2024 में 21 सितम्बर दिन शनिवार को
  11. संकष्टी चतुर्थी अक्तूबर 2024 में 20 अक्तूबर दिन रविवार को
  12. संकष्टी चतुर्थी नवम्बर 2024 में 19 नवम्बर दिन मंगलवार को

संकष्टी चतुर्थी के फल:
संकष्टी चतुर्थी व्रत से व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है और भगवान गणेश से आशीर्वाद प्राप्त करता है। इस व्रत से सुख, शांति, और समृद्धि का अनुभव होता है। विशेष रूप से गणेश भक्तों के लिए यह व्रत बहुत महत्वपूर्ण है और उन्हें अद्भुत प्राप्तियाँ दिलाता है।

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सुझाव:
संकष्टी चतुर्थी का व्रत विशेषकर गणेश भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी है। इस दिन विशेष रूप से ब्रह्मी मुहूर्त में पूजा करना और भगवान गणेश का विशेष ध्यान रखना चाहिए। व्रत के दौरान व्रती व्यक्ति को सत्य, दया, और शिक्षा की शक्ति के साथ भगवान की आराधना करनी चाहिए।

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