रवि प्रदोष व्रत की तारीख: Ravi Pradosh Vrat 2023
रवि प्रदोष व्रत, जो प्रतिमासिकी व्रतों में से एक है, भगवान शिव को समर्पित है और हर मास में दो बार आता है। साल 2023 में, पहला रवि प्रदोष व्रत 10 दिसंबर को है, जबकि दूसरा व्रत 24 दिसंबर को होगा। यहां व्रत की पूजा विधि और महत्व के साथ-साथ इन तिथियों के शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी दी गई है।
रवि प्रदोष व्रत का महत्व: Ravi Pradosh Vrat 2023
रवि प्रदोष व्रत का आयोजन मासिकी तिथियों में शिव जी की पूजा-अर्चना के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से भक्त भगवान शिव और माता पार्वती के प्रति अपनी भक्ति और श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। रवि प्रदोष व्रत के दिन सूर्यास्त से पहले और रात्रि में भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति, और आनंद की प्राप्ति होती है।
रवि प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त: Ravi Pradosh Vrat 2023
- पहला व्रत (10 दिसंबर 2023):
- शुरुआत: सुबह 6 बजकर 24 मिनट
- समाप्ति: 25 दिसंबर 2023, सुबह 5 बजकर 54 मिनट
- दूसरा व्रत (24 दिसंबर 2023):
- शुरुआत: सुबह 6 बजकर 24 मिनट
- समाप्ति: 25 दिसंबर 2023, सुबह 5 बजकर 54 मिनट
रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि: Ravi Pradosh Vrat 2023
- व्रत के दिन सूर्यास्त से एक घंटे पहले स्नान करना चाहिए। फिर व्रत का संकल्प लेना होता है।
- संध्या के समय पुनः स्नान करके शुभ मुहूर्त में पूजा करनी चाहिए।
- शिवलिंग पर गाय के दूध, दही, घी, शहद, और गंगाजल से अभिषेक करना चाहिए।
- शिवलिंग पर श्वेत चंदन लगाकर बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित कर पूजा और आरती करनी चाहिए।
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रवि प्रदोष व्रत का विशेष महत्व: Ravi Pradosh Vrat 2023
- इस व्रत के द्वारा भक्त शिव-पार्वती के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति को प्रकट करते हैं।
- व्रत के दिन शिव भगवान का विशेष आशीर्वाद मिलता है, जो जीवन को सुखमय बनाए रखता है।
- रवि प्रदोष व्रत से दुर्गाष्टमी के पश्चात् आने वाले मार्गशीर्ष मास की विशेष उपासना के लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर का संकेत होता है।
रवि प्रदोष व्रत को श्रद्धा भावना के साथ आचरण करने से भक्त को आत्मिक और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है।