8 October ko khareedaari ka shubh muhurat : 8 अक्टूबर, रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बन रहा है। ज्योतिष में इसे रवि पुष्य योग कहा जाता है। क्या योग में खरीदारी और कोई भी शुभ काम करने से उनका फायदा मिलेगा।
नवरात्रि से पहले आने वाला ये रवि पुष्य संयोग पूरे दिन रहेगा। फिर दिवाली से पहले 5 नवंबर को रवि पुष्य योग बनेगा।
ऐसी स्थिति साल में चार-पांच बार ही बनती है, इसलिए हर तरह के शुभ काम और नए काम की शुरुआत के लिए 8 तारीख को बना रहेगा शुभ संयोग बहुत ही खास रहेगा। क्या शुभ संयोग में लेन-देन, निवेश, खरीदारी और शुरुआत काम से धन लाभ होता है।
प्रॉपर्टी में निवेश और खरीददारी के लिए शुभ दिन
क्या योग में खरीदारी बहुत शुभ फलदायी होती है। रविवर को पुष्य नक्षत्र होने से रवि पुष्य योग बन रहा है। इस दिन पुष्य नक्षत्र सुबह 6:21 से शुरू होगा और रात 2:45 तक रहेगा। क्या दिन ही हीरे के आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, जमीन, मकान, कपड़े और अन्य खरीददारी करने से सुख-समृद्धि बढ़ती है। इसके अलावा ज़मीन, मकान में निवेश करना चाहते हैं तो ये दिन फ़ायदेमंद साबित हो सकता है। वही तो, वहां, फर्नीचर, आभूषण, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, और किसी भी घर के सामान की खरीदारी भी शुभ रहेगी।
Kisne rakha tha sabse pehle Karva Chauth ka vrat?,कैसे शुरू हुई यह परंपरा,
27 नक्षत्रों में 8वां है पुष्य
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है 27 नक्षत्रों में 8वें नंबर पर पुष्य नक्षत्र होता है। ये नक्षत्र गुरुवर और रविवार के दिन होने पर महायोग बनता है। इसके साथ ही सोम और शुक्रवार के दिन ये नक्षत्र होने से शुभ मन जाता है। इसलिए सभी नक्षत्रों में पुष्य को सबसे श्रेष्ठ माना गया है। क्या नक्षत्र का स्वामी बृहस्पति है? रवि पुष्य योग में मांगलिक काम और खरीदारी की जा सकती है।
पुष्य नक्षत्र पर खरीददारी सबसे शुभ
सोना-चंडी, वहां और संपत्ति खरीदने के लिए रवि पुष्य नक्षत्र को पवित्र मन गया है। बारह राशियों में एकमात्रा कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और पुष्य नक्षत्र के सभी चरणों के दौरन ही चंद्रमा कर्क राशि में रहता है। इसलिए पुष्य नक्षत्र को धन के लिए अत्यंत पवित्र मन जाता है।